आज की पीढ़ी के लिए स्मार्टफोन एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। सुबह उठते ही सबसे पहले हम अपने फोन की स्क्रीन को देखते हैं और दिन भर उसी में खोए रहते हैं। चाहे ऑफिस का काम हो, दोस्तों से बातचीत हो, या सोशल मीडिया पर अपडेट्स चेक करना हो, स्मार्टफोन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही स्मार्टफोन हमारी सेहत के लिए कितने नुकसानदायक हो सकते हैं?
एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स से जब एक जोउर्नलिस्ट ने पूछा की उनके बच्चो को आईपैड कैसा लगता है तो स्टीव जॉब्स ने बताया की वो अपने बच्चों को आईपैड यूज़ नहीं करने देते। साथ ही जब माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिललगटेस ने भी एक इंटरव्यू में बताया की वो 14 – 15 साल की उम्र तक वो अपने बच्चो को फ़ोन से दूर रखते थे।
एक कहानी सोचिए – रोहित, एक 25 वर्षीय युवक, जो दिन-रात अपने स्मार्टफोन में व्यस्त रहता है। उसे कमर दर्द, आँखों में जलन और नींद की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर ने उसे बताया कि ये सभी समस्याएँ उसके अत्यधिक स्मार्टफोन उपयोग के कारण हैं। रोहित जैसे न जाने कितने युवा आज इसी स्थिति का सामना कर रहे हैं।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि स्मार्टफोन हमारे शरीर को कैसे नुकसान पहुँचा रहे हैं और इनसे बचने के लिए क्या-क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए। हम आपको ऐसे व्यावहारिक और आसान टिप्स देंगे, जिनकी मदद से आप अपने स्मार्टफोन का सही तरीके से उपयोग कर सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं। तो चलिए, जानते हैं कि कैसे हम स्मार्टफोन के इस दौर में भी अपने शरीर और मन को स्वस्थ रख सकते हैं।
आज के इस ब्लॉग का उद्देश्य ये नहीं है की आप अपने फ़ोन को छोड़ दो , या फ़ोन से बिलकुल दूर हो जाओ। इसका उद्देश्य यह है की जो चीज आपके पास हमेशा है, जो चीज आपके दैनिक जीवन का हिस्सा बन गयी है आप उसके बारे में वो चीजें जान पाओ जो आपको नहीं पता और आप इस फ़ोन का सही तरीके से यूज़ कर पाओ।
आपको जानकर हैरानी होगी की कुछ researchers कहते है की हमारे फ़ोन्स से रेडियोफ्रीक्वेंसी (RF) विकिरण उत्पन्न होता है, जो एक प्रकार का गैर-आयनीकरण विद्युतचुंबकीय विकिरण है। जिस पर हमे ध्यान देने की जरुरत है जब भी हम फ़ोन यूज़ करते है तो हम बहुत पास से फ़ोन की यूज़ करते है जो हमें कहीं न कही नुकसान जरूर पहुँचता है। इसलिए जब भी आप फ़ोन उसे करते है उसे थोड़ी दूर रख कर यूज़ करें। साथ ही रात को सोते समय अपने फ़ोन की थोड़ी दूर पर रखें।
इसके अलावा यूनाइटेड स्टेट में एक रिसर्च के अनुसार 1000 लोगों से पूछा गया, की क्या आपके गले में दर्द है, तो लगभग 65 % लोगों ने हाँ में उत्तर दिया की उनके गले में दर्द रहता है। फिर जब उनसे उनकी हैबिट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा की वो अक्सर फ़ोन को गर्दन झुककर चलते है। जिससे लोगों की गले में दर्द की शिकायत रहती है स्मार्ट फ़ोन्स को यूज़ करने से।
साथ ही जब हम फ़ोन की वैल्यू को इतना तेज करके सुनते है की वो हमारे कानों को नुकसान पहुँचती है। जिससे भविष्य में हमें समस्या हो सकती है। जिससे कम उम्र में ही लोगों को सुनाई देने की समस्या से जूझना पड़ रहा है। इसके अलावां लोगों को नींद की समस्या से जूझना पड़ रहा है अक्सर फ़ोन को चलने के बाद लोगों को नींद की समस्या होती है। साथ ही आँखों के किनारे डार्क सर्किल बन जाते है, आँखों में जलन की समस्या उत्पन हो जाती है। जिसके बचाव हेतु आप किसी चश्मे का यूज़ कर सकते है।
2011 में BMC Public Health ने एक आर्टिकल पब्लिश किया था जिसमे बताया गया था की चीन के बच्चे जो बहुत ज्यादा फ़ोन यूज़ करते है उनकी फिज़िकल एनर्जी कम हो रही है, इम्युनिटी कम हो रही है साथ ही वो इमोशनल वो बहुत ज्यादा डैमेज हो रहे है।
जून 2012 में फेसबुक एक रिपोर्ट पब्लिश करता है। जनवरी में फेसबुक ने 689,003 लोगों के न्यूज़ फीड में एक बड़ा बदलाव लाया। जिसकी वजह से कुछ लोगों की फीड में सिर्फ पॉजिटिव पोस्ट दिख रही थी और कुछ लोगों की फीड में कुछ नेगेटिव पोस्ट दिख रही थी जैसे की मरे हुए कुत्तों की तस्वीरें। एक हप्ते तक इस बदलाव के बाद जब फेसबुक ने इस एक्सपेरिमेंट को एनालाइज किया तो पता चला की जो लोग पॉजिटिव पोस्ट कर रहे थे वो खुद भी पॉजिटिव पोस्ट कर रहे थे और जो लोग नेगेटिव न्यूज़ देख रहे थे वो लोग नेगेटिव चीजें ही पोस्ट कर रहे थे। इस तरह से ये स्मार्ट फ़ोन्स हमारी बॉडी के साथ साथ हमारे हमारे दिमाग के साथ भी खेलते है। साथ ही ये स्मार्ट फ़ोन की लत बच्चों को उनकी पढाई से दूर ले जाता है , वो उन्हें टालने लगते है। जिसकी वजह से इनके कम मार्क्स आते है।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ कलिफोर्निआ के प्रोफेसर Gloria Mark और उनकी टीम ने ये रिसर्च किया तो पता चला की ये हमारे फोकस को बहुत कम कर देता है जिससे हमारी फोकस करने की क्षमता कम हो गयी है।
फ़ोन हमारी मेन्टल हेल्थ पर कितना बुरा असर डाल सकते है हम इसे एक रिसर्च से समझते है। 2007 में जर्मन स्पोर्ट यूनिवर्सिटी में हावर्ड के न्यूरो साइंटिस्ट Markus Dworak ने एक रिसर्च किया जो की 12 से 14 साल के उम्र के लड़कों पर था। जो अपना होमवर्क खत्म करने के बाद एक घंटे फोन का यूज़ करते थे। जब रिजल्ट सामने आये तो वो चौंका देने वाले थे , इससे पता चला की फ़ोन चलाने से उनकी स्लीपिंग क्वालिटी पर बहुत बुरा असर पड़ रहा था। इस रिएर्च में ये भी पता चला की होमवर्क में किये हुए vocabulary words भी वो बिल्कुल भूल रहे थे। साथ ही ये हमारे रिलेशनशिप पर बुरा असर डालती है हम अक्सर लोगों से बात करते वक्त फ़ोन चलते रहते है ये हमारी रिलेशनशिप की बॉन्डिंग को भी कमजोर करती है। यहाँ तक की हम खाते समय भी फ़ोन का यूज़ करते रहते है।
उम्मीद करते है की आप इनसे होने वाले नुकसान को समझ गए होंगे और अब हम ये अंदाजा लगा सकते है की फ़ोन हमारे लिए कितना ख़राब हो सकता है। इसलिए जरुरी है की हम फ़ोन की उपयोगिता को समझे और उन्हें अपने काम के लिए उपयोग करे। आज के इस दुनिया में हम जितना स्मार्टफोन्स से दूर रहे उतना हमारे लिए बेहतर होगा। साथ ही सोते वक्त फ़ोन की यूज़ करना बंद कर दे, साथ ही फ़ोन में कुछ फीचर्स है जिनका यूज़ करके आप अपने फ़ोन की समय सीमा की कम कर सकते हो। Every Day Health के एक आर्टिकल में बताया गया था की आपको समय समय पर अपनी एप्लीकेशन्स से ब्रेक लेना चाहिए और उन्हें unstall करते रहना चाहिए और जब हम एप्लीकेशन की यूज़ कर लें तो लोग आउट कर लें और लगातार हमें 20 मिनट तक अपनी स्क्रीन को नहीं देखना चाहिए। जिस तरह हर सिक्के के दो पहलु होते है उसी तरह फ़ोन के नुकसान और लाभ भी है फ़ोन का यूज़ लोग नई स्किल और पैसे कमाने में कर रहे है। अगर आप भी जानना चाहते है की फ़ोन से पैसे कैसे कमाएं या इनका प्रयोग अपनी ग्रोथ में कैसे करें आज ही हमारा फी सेमिनार ज्वाइन करें, जहाँ हम अपने साथ आपकी ग्रोथ का ध्यान रखते है और आपको एक अच्छी जिंदगी जीने में मदद करते है। इसके लिए आप हमे डायरेक्ट कनेक्ट कर सकते है साथ ही ब्लॉग अपने दोस्तों को शेयर करें और कमेंट में अपना सुझाव जरूर दे।