क्या आप सोच सकते हैं कि एक कॉलेज जाने वाला लड़का कॉलेज के एक प्रोजेक्ट में न्यूक्लियर रिएक्टर बना सकता है? सुनने में अजीब लगता है, है ना? लेकिन यह सच है! हाल ही में, एक टैलेंटेड लड़के ने अपनी मेहनत और दिमाग का इस्तेमाल करके कुछ ऐसा ही कर दिखाया और कॉलेज के प्रोजेक्ट में ही एक न्यूक्लियर रिएक्टर तैयार कर दिया।
यह कहानी सिर्फ उसके कॉलेज के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा है। तो, उसने इतनी जटिल चीज़ को समझने और अपने प्रोजेक्ट में शामिल करने का तरीका कैसे ढूंढा? इसके पीछे उसकी प्रेरणा क्या थी, और इसने उसकी जिंदगी को किस तरह बदला?
इस ब्लॉग में हम इस अनोखी और प्रेरणादायक कहानी की पूरी बात जानेंगे। देखेंगे कि इस 17 साल के कॉलेज जाते हुए लड़के ने किस तरह अपनी मेहनत और जुनून से एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। तो, चलिए इस दिलचस्प सफर पर एक नज़र डालते हैं!
एक न्यूक्लियर मशीन बनाना जिससे न्यूट्रॉन प्रोडूस हो और हम एटॉमिक एक्सपेरिमेंट्स को आसानी से कर सकें, यह बनाना बहुत ही कठिन होगा। लेकिन Interesting Engineering की इस रिपोर्ट के अनुसार, यूनाइटेड किंगडम का यह स्टूडेंट, जिसका नाम है Cesare Mencarini, ने अपने कॉलेज प्रोजेक्ट में ही इस डिवाइस को बना डाला और ऐसा माना जाता है कि यह स्कूल के माहौल में किसी कॉलेज स्टूडेंट द्वारा बनाया गया पहला परमाणु रिएक्टर बन गया।
मेनकारिनी के लिए अपने शिक्षकों को इस प्रोजेक्ट पर काम करने की अनुमति देने के लिए मनाना आसान नहीं था। जब उन्होंने अपने टीचर्स से इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए कहा, तब संकाय सदस्यों ने सोचा कि परियोजना खतरनाक हो सकती है और एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा कर सकती है। इसलिए इन्हें इस प्रोजेक्ट की अनुमति नहीं मिल रही थी, हालाँकि अंत में उनके टीचर्स ने उन्हें इसकी अनुमति दे दी। अंततः, लगातार इस प्रोजेक्ट पर 18 महीने की कड़ी मेहनत के बाद, मेनकारिनी ने छोटे रिएक्टर को सफलतापूर्वक विकसित किया। जो कि वास्तव में किसी कॉलेज स्टूडेंट के लिए असंभव है।
इस घटना से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है कि इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। अगर हम पूरे दृढ़ निश्चय से किसी चीज़ को पूरी फोकस के साथ करें और अपने काम पर भरोसा रखें तो हमें एक न एक दिन कामयाबी जरूर मिलती है। जुड़े रहिए हमारे साथ और पढ़ते रहिए ऐसी ही दुनिया की सबसे रोचक ख़बरें।