कल्पना कीजिए कि आप 42 साल के लंबे समय तक एक गहरी नींद में रहते हैं, जो कोमा के रूप में जानी जाती है। यह एक ऐसी स्थिति है जहाँ समय थम सा जाता है और दुनिया बदल जाती है। लेकिन क्या होता है जब आप इस नींद से जागते हैं? आज हम एक ऐसी ही अद्भुत कहानी की चर्चा करने जा रहे हैं जिसमें एक व्यक्ति 42 साल 111 दिन बाद कोमा से जागता है और इस अद्भुत यात्रा के बाद, आखिरकार उसने पहली बार क्या कहा।
आमतौर पर इंसान 1 से 2 महीने तक कोमा में रहता है, लेकिन ऐसे भी कई लोग हैं जो 30 से 40 साल तक कोमा में थे। जैसे इंडिया की अरुणा शानबाग 41 साल तक पोस्ट-कोमा के अवस्था में थीं, जिसे वेजिटेटिव स्टेट भी कहा जाता है। इतिहास में अगर हम कोमा में रहने वाले लोगों की बात करें तो ऐलैन इस्पोजिटो नाम की यह लड़की 37 साल तक कोमा में थी। एडवर्डा ओ’बारा (Edwarda O’Bara) जो कि एक अमेरिकन औरत थीं, 42 साल तक कोमा में थीं, जो कि अभी तक का सबसे लंबा रिकॉर्ड है।
सवाल ये है कि लोग कोमा में क्या देखते हैं और क्या करते हैं? कोमा से बाहर आने के बाद एडवर्डा ने बताया कि – मान लो कोमा से पहले उनका शौक था कि किसी ठंडी जगह पर जाने का, जो कि उनका सपना भी है। हमारे सपने हमारे ब्रेन में स्टोर रहते हैं। अगर वो कोमा में चला जाता है और उसे बुखार आता है, तो अगर डॉक्टर उसे ठंडी पट्टी देता है तो वो इंसान कोमा में सपना देख रहा होगा कि वह एक ठंडी जगह पर है।
उसे असल ज़िंदगी की फीलिंग्स हो रही होंगी। रियल लाइफ के अंदर जीने वाले सपने कोमा के अंदर एक्सपीरियंस होते हैं। कई लोगों को अक्सर ये लगता है कि कोमा में इंसान आवाज़ नहीं सुन सकता, जो कि एक गलत अफवाह है। कोमा में इंसान आपकी आवाज़ भी सुन सकता है। अक्सर ये पाया गया कि ऐसे व्यक्ति जिनकी आवाज़ ज़्यादा सुनते हो, वो आवाज़ आपके लिए सबसे प्यारी होती है, जिसे आप कभी भूल नहीं पाते हो। ऐसा पाया गया कि जो इंसान उसके सबसे ज़्यादा करीब होता है, उसकी आवाज़ सबसे जल्दी सुनाई देती है। कोमा में लोगों के ब्रेन एक्टिविटी को रिसर्च करके ये सभी चीजों का पता लगाया गया है।
कोमा एक अजीब सी अवस्था है जिसमें इंसान अपने आस-पास के बारे में सचेत नहीं होता, लेकिन फिर भी उसे ये पता होता है कि वो खुद एक्सिस्ट करता है।