सोने की इस खादान में मिला ऐसा केमिकल – जो ख़त्म कर सकता है पूरी दुनिया

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Yellowknife, Canada में स्थित Giant Mine एक समय सोने की खदान के रूप में प्रसिद्ध थी, जहाँ से करीब 200 टन सोना निकाला गया था। इस सोने की चमक ने वहाँ की अर्थव्यवस्था को तो मजबूत किया, लेकिन इसके नीचे छिपा था एक ऐसा घातक सच, जिसने पूरी दुनिया को चौंका दिया। इस खदान के नीचे 237,000 टन आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड दबा हुआ है—एक ऐसा ज़हरीला पदार्थ जो मिनटों में जान ले सकता है।

2004 में इस खदान को बंद कर दिया गया, लेकिन इसका खतरा अब भी बरकरार है। ग्लोबल टेम्परेचर में हो रहे बदलाव से इस जहर के बाहर आने का खतरा बढ़ता जा रहा है, जिससे पूरी मानवता के लिए यह खदान एक ticking time bomb बन चुकी है। सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए अरबों डॉलर खर्च किए हैं, लेकिन क्या ये प्रयास इस खतरे को हमेशा के लिए टालने में सक्षम हैं? Yellowknife की Giant Mine की यह कहानी सिर्फ सोने की चमक नहीं, बल्कि एक गंभीर पर्यावरणीय संकट की गाथा है, जो आज भी अनसुनी है।

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Yellowknife, Canada में स्थित Giant Mine एक समय सोने की खदान के रूप में जानी जाती थी, जहाँ से बड़ी मात्रा में सोना निकाला गया था। इस खदान में जहाँ एक ओर सोने का भंडार था, वहीं दूसरी ओर यहाँ 237,000 टन आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड भी पाया गया—एक अत्यधिक विषैला केमिकल जो मिनटों में इंसानी शरीर को नष्ट कर सकता है। मात्र 180 मिलीग्राम आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड के संपर्क में आने से ही हमारी श्वसन प्रणाली प्रभावित हो सकती है, जिससे साँस लेने में कठिनाई और अंततः हृदय की धड़कन रुकने जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

इस खदान की खुदाई के दौरान, इंजीनियरों को इसके नीचे दबा हुआ 237,000 टन आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड मिला, जो यहाँ के पर्यावरण और लोगों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता था। अगर सिर्फ 180 मिलीग्राम से इतनी बड़ी समस्या हो सकती है, तो इतने बड़े भंडार से क्या स्थिति उत्पन्न हो सकती है, इसकी कल्पना करना भी कठिन है।

हालांकि, 2004 में इस खदान को बंद कर दिया गया, लेकिन उससे पहले यहाँ से लगभग 200 टन सोना निकाला जा चुका था, जिससे वहाँ की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली। लेकिन ग्लोबल टेम्परेचर में वृद्धि के कारण इस ज़हरीले केमिकल के बाहर निकलने की आशंका अब भी बनी हुई है। इस संभावित आपदा को रोकने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर धनराशि खर्च की है, ताकि इस विषैले पदार्थ को बाहर आने से रोका जा सके। आर्सेनिक को नियंत्रित रखने के प्रयासों में अब तक लगभग 1 बिलियन डॉलर खर्च किए जा चुके हैं।

हालांकि, इस खदान को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है, लेकिन इसके खतरनाक प्रभावों का साया अब भी मंडरा रहा है।

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