दोस्तों जब हम पैसों के बारे में सोचते है, तो हम नोट या सिक्को के बारे में सोचते है जिससे हम कुछ भी खरीद सकते है। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है की जब पैसे नहीं थे तो तब लोग कैसे काम करते थे और किसलिए काम करते थे। इस ब्लॉग में हम जानेंगे की आखिर पैसा क्या है इसका जन्म कैसे हुआ और कैसे इसने सबको अपना गुलाम बना लिया।
क्या आपने कभी ये सोचा है की आखिर इस वक्त पूरी दुनिया में कुल कितना पैसा है यानि अगर पूरी दुनिया के पैसों को एक जगह मिला लिया जाये तो कितना पैसा होगा। चलिए हम बताते है वो होगा $48.9 trillion लेकिन ध्यान दीजिये ये सिर्फ वो पैसा है जो नज़र आता है जो नज़र नहीं आता वह है 1300 हज़ार ट्रिलियन। अब सवाल ये है की आखिर इतना पैसा आया कहाँ से इस पैसे को किसने बनाया है और क्यों बनाया ? ये सवाल हमारे मन में कई बार आया होगा तो आइये जानते है।
इसको समझने के लिए हमें 15000 BC में जाना होगा। उस समय इंसान छोटे छोटे कबीलों में रहते थे। उनके जीवन का एक मात्र उद्देश्य खुद को जिन्दा रखना था। जिसके लिए वो शिकार करते थे लेकिन हर दिन शिकार मिल पाना थोड़ा मुश्किल था पर भूख को तो कौन रोक सकता हैऔर इनकी यहीं भूख एक कबीले को दूसरे क़बीले से जोड़ा और ये चीजों का आदान प्रदान करने लगे। विद्वानों की मानें तो Barter System की शुरुवात करने वाले मेसोपोटामिया जनजाति के लोग थे। जो महासागर पार करके वस्तु विनिमय से व्यापार करते थे। जिसमे सामानों को एक दूसरे से बदला जाता था। पर ये तभी काम करती थी जब दोनों पक्षों के पास ऐसी चीज़ हो जो वो दोनों चाहते है। अगर ऐसा नहीं है तो ये वस्तु विनिमय क्रिया संभव ही नहीं है और साथ ही इनमे किसी वस्तु की बराबरी भी नहीं कर सकते थे जो की एक बड़ी कमी थी।
तब उस समय के इंसान ने हर उस चीजों को पैसों की तरह इस्तेमाल किया जो पैसों की तरह मूल्यवान जैसे पालतू जानवर , हथियार , गाय घोड़ा आदि। जिसमे फिर एक समस्या ने जन्म लिया , की सभी अपनी चीजों को मूल्यवान बताने लगे जिससे कई समस्याएं सामने आयी। अब एक ऐसी चीज़ की जरुरत थी जो सभी चीजों की कीमत तय कर सके और यहीं पर जन्म हुआ पैसों का। लोगों की जरूरतों ने metalic money ली शुरुवात की।
आज से लगभग 5000 साल पहले लगभग 600 BC में ancient ग्रीस में metalic मनी की शुरुवात हुई। जो सोने और चांदी से बनाये जाते थे और उस पर शेर व् बैल के चित्र अंकित थे।
तब उस समय के इंसान ने हर उस चीजों को पैसों की तरह इस्तेमाल किया जो पैसों की तरह मूल्यवान जैसे पालतू जानवर , हथियार , गाय घोड़ा आदि। जिसमे फिर एक समस्या ने जन्म लिया , की सभी अपनी चीजों को मूल्यवान बताने लगे जिससे कई समस्याएं सामने आयी। अब एक ऐसी चीज़ की जरुरत थी जो सभी चीजों की कीमत तय कर सके और यहीं पर जन्म हुआ पैसों का। लोगों की जरूरतों ने metalic money ली शुरुवात की।
आज से लगभग 5000 साल पहले लगभग 600 BC में ancient ग्रीस में metalic मनी की शुरुवात हुई। जो सोने और चांदी से बनाये जाते थे और उस पर शेर व् बैल के चित्र अंकित थे।
Lydint Starter ये है दुनिया का सबसे पहला सिक्का जो की फारस के डेरियस महान द्वारा जारी किए गए। दुनिया में सिक्के बनाने की शुरुवात सबसे पहले चीन में 1020 BC में हुई थी जो की पीतल व् ताबें के सिक्के बनाते थे लेकिन फिर सिक्कों सिक्कों की भरमार आयी और हर कोई सिक्कों का इस्तेमाल करने लगा। राजाओं ने अपने नाम के सिक्के बनवाने लगे। इसको गिनने में कठिनाई होने लगी। तब जरुरत पड़ी ऐसे पैसों की जो गिनने में आसान हो साथ कहीं ले जाने में आसान हो। यहीं पर पेपर मनी का अविष्कार हुआ।
और साल 1279 में मंगोल चीन का शासक चंगेज़ खान के पोते कुबला खान ने बार्क ट्री की छाल से सबसे पहले पेपर मनी को बनाया। जिसको I Owe you कहा जाता था जिसका अर्थ होता था – मै तुमको उधार देता हूँ। अब पेपर मनी को होड़ लग गयी। लोग हर जगह पेपर मनी देने लगे। बैंक भी सोने व् चांदी लेकर पेपर मनी देने लगे , अब ख़ूब पेपर मनी का उपयोग होने लगा। बैंक में इतने सिक्के नहीं थे जितना उनके पास पेपर मनी था इससे inflation की स्थिति उत्पन्न हो गयी। अब पैसों की कोई कीमत नहीं रही लोग किसी एक चीज़ को खरीदने के लिए बोरे भर के पैसे ले जाते थे।
1816 ईसवी में ब्रिटेन ने कहा की अब उनके पास जितना गोल्ड होगा उतना ही पेपर मनी प्रिंट करेंगे जिससे मॅहगाई नहीं बढ़ेगी,और कर्ज भी सिमित हो जायेगा। इस तरह ब्रिटेन ने अपने पेपर मनी को गोल्ड के स्टैण्डर्ड के मुताबिक कर दिया।
1900 में US ने भी गोल्ड स्टैण्डर्ड को अपना लिया। तभी एक चीज़ ने जन्म लिया जो inflation से भी ज्यादा ख़तरनाक होती है Deflation ने जन्म लिया। जब किसी भी देश में पैसा ज्यादा होता है तो inflation होता है लेकिन जब पैसा कम होता है तो defletion होता है।
चीजें सस्ती हो गई और जिससे कंपनियां पैसा नहीं कमा पा रहीं थी की वो अपने कर्मचारियों को सैलरी दे सकें ऐसे में न ही जॉब थी और पैसा।
1933 ईस्वी में US के राष्ट्रपति Franklin Roosevelt ने हमेशा के लिए गोल्ड स्टैण्डर्ड को ख़त्म कर दिया जिससे बैंक फिर से नोट छापने लगे और फिर से inflation की स्थिति उत्पन्न हुई। तब अमेरिका ने सेंट्रल बैंक स्थापना की जिसका काम ये चेक करना था की देश में पैसा न ही ज्यादा मात्रा में हो न ही कम मात्रा में। लेकिन अब IOU एक कागज़ का टुकड़ा बन कर रह गयाजिसे FIAT मनी कहा गया जिसका कोई वास्तविक मूल्य तो नहीं है पर ये सरकार के द्वारा स्वीकार की गयी है जो हमें वो सब कुछ दिलाती है जिसकी जैम चाह रखते है।
चीजें सस्ती हो गई और जिससे कंपनियां पैसा नहीं कमा पा रहीं थी की वो अपने कर्मचारियों को सैलरी दे सकें ऐसे में न ही जॉब थी और पैसा।
1933 ईस्वी में US के राष्ट्रपति Franklin Roosevelt ने हमेशा के लिए गोल्ड स्टैण्डर्ड को ख़त्म कर दिया जिससे बैंक फिर से नोट छापने लगे और फिर से inflation की स्थिति उत्पन्न हुई। तब अमेरिका ने सेंट्रल बैंक स्थापना की जिसका काम ये चेक करना था की देश में पैसा न ही ज्यादा मात्रा में हो न ही कम मात्रा में। लेकिन अब IOU एक कागज़ का टुकड़ा बन कर रह गयाजिसे FIAT मनी कहा गया जिसका कोई वास्तविक मूल्य तो नहीं है पर ये सरकार के द्वारा स्वीकार की गयी है जो हमें वो सब कुछ दिलाती है जिसकी जैम चाह रखते है।
उम्मीद है हम आपको समझने में सफ़ल रहें होंगे की आखिर पैसे का जन्म कैसे और क्यों हुआ। ऐसे ही और इन्फॉर्मेशनल ब्लॉग्स के लिए हमें फॉलो जरूर करें और दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे , और कमेंट में अपनी राय जरूर दें।